5 जुलाई को लगेगा चंद्र ग्रहण साल का तीसरा बड़ा चंद्रग्रहण है हालांकि चंद्रग्रहण पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर दिखेगा जिनमें भारत सम्मिलित नहीं है यह चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना लेकिन कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि यह चंद्रग्रहण मानव वर्ग की कुछ कमजोर राशियां जो इस ग्रहण के प्रभाव में आती है ऐसे लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं इस ग्रहण को उपच्छया ग्रहण माना गया है इसलिए चंद्रग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा भोजन और पूजा आदि कार्य किए जा सकते है लेकिन गर्भवती महिलाओं को खास सावधानियाँ बरतने की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर यह एक खगोलीय घटना है जिसका मनुष्य ऊपर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। चंद्रग्रहण के चलते पृथ्वी पर कुछ प्राकृतिक आपदाएं जैसी घटनाएं घटित हो सकती हैं।
विश्व के किन देशों में देखा जा सकेगा यह चंद्रग्रहण..
जबकि यह चंद्रग्रहण विश्व के कुछ ही देशों में देखा जा सकेगा जिनमें भारत शामिल नहीं है लेकिन यह चंद्र ग्रहण नॉर्थ अमेरिका साउथ अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया,यूरोप में देखा जाना संभव है।
चंद्र ग्रहण की समय अवधि....
उपच्छया का प्रथम स्पर्श - सुबह 8.38 बजे
परग्रास चंद्रग्रहण - सुबह 9.59
उपच्छया का आखरी स्पर्श - 11.21 बजे
उपच्छया की अवधि - 2 घंटा 43 मिनट 24 सेकेण्ड है।
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