शिजोफ्रीनिया (Schizophrenia)
क्या है सिजोफ्रीनिया ?
शिजोफ्रीनिया एक मानसिक बीमारी है जिसका प्रभाव के कारण व्यक्ति के काल्पनिक एवं व्यावहारिक रूप में क्षति होती है उसकी कल्पना करना की शक्ति लगभग समाप्त हो जाती है। और इस रोग।से ग्रसित व्यक्ति की सोचने की छमता लगभग सक्षम नहीं रहती।
क्या है इसके लक्षण ?
• इस बीमारी से पीड़ित लोग अक्सर अपने जीवनकाल में अजीबोगरीब फैसले लेने लगते है।
• व्यक्ति अपना पढ़ाई नौकरी आदि इस बीमारी के चलते सही से नहीं के पाते और तनाव में आकर वे अपनी नौकरी, पढाई सब छोड़ देते है।
• व्यक्ति को कल्पना करने में बहुत कठिनाई होती है।
• ऐसे में व्यक्ति की काल्पनिक शक्ति कुछ इस प्रकार हो जाती है जैसे कि वह किसी ऐसी वस्तु या मनुष्य जो उसके सामने नहीं
होता है फिर भी उसकी होने की कल्पना करता है।
• इसमें व्यक्ति लोगो को संदेह की नजर से देखने लगता।
• पीड़ित के अंदर चिड़चिड़ापन हो जाता है जिसके कारण उसके व्यवहार में अनेकों परिवर्तन होने लगते है।
• ज्यादातर गंभीर परिस्थितियों में व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने में काफी परेशानी होती हैं।
• व्यक्ति अपने शरीर से अभद्र व्यवहार करने लगाता।
• ऐसे व्यक्ति लोगों से तालमेल रखने में असफल रहते हैं।
शिजोफ्रीनिया होने का कारण क्या है ?
इस बीमारी के होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है लेकिन तरह-तरह के शोधों से पता चला है कि एक अनुवांशिक बीमारी है जो मनुष्य को अपने आनुवंशिकी (Genetics) यानी कि अपने माता पिता से मिलता है।
इसका कारण व्यक्ति के भूत में घटित हुई कुछ ऐसी घटनाएं जो कि काफी दर्दनाक रही हो और जिसके कारण वह काफी डिप्रेशन का शिकार हो गया हो अधिक समय तक उस घटना का उसके दिमाग में चलते रहना भी इस बीमारी का कारण हो सकता है
इलाज -:
इस बीमारी को सही करने का कोई निश्चित उपचार नहीं है किंतु सही दवाइयों और सही उपचार के माध्यम से इस मानसिक बीमारी को कम किया जा सकता है
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